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मधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू ना

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मधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू ना
by महेंदर मिसिर
301411मधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू नामहेंदर मिसिर

मधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू ना।
साँवली सुरतिया फेर देखइहे कि दू ना।
हँसी-अँसी कान्हा मोरा जिया के लोभवलें,
मोरा अंगना में बंसिया बजइहें कि दू ना।
ऊधो जी सनेश लाए बूढ़ा बाभना,
ई त जरिए के खेलारी हउएँ दाढ़ीजार ना।
कूबरी के जोग, भोग हमनी के बतावे,
इ त पोथी ले के आइल बारें उपुर परना।
हमनी जो जनितीं मोहन कूबरी से राजी,
हमहूँ कूबर बनइतीं फँसइती मोहना।
कहत महेन्द्र सुनी ल ऊधो बाभना,
इहाँ रोम-रोम बसल बारें कृष्ण साजनाँ।


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